श्री काशी विश्वनाथ की तर्ज पर अब अयोध्या को भी सजाने की योजना है। इसके लिए 700 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। रामजन्म भूमि पहुंच मार्गों को चौड़ा किया जाएगा। दुकानों को यहां से हटाया जाएगा।
चौड़ीकरण से विस्थापित होने वाले व्यापारियों को स्थापित करने के लिए 700 दुकानों का निर्माण भी सरकार की ओर कराया जा रहा है। राममंदिर जाने वाले तीनों रास्ते सहादतगंज से नयाघाट, शृंगारहाट से रामजन्मभूमि व सुग्रीव किला से रामजन्मभूमि को स्मार्ट रोड बनेंगे।
इससे न सिर्फ अयोध्या की भव्यता बढ़ेगी बल्कि विकास, रोजगार व आर्थिक तरक्की के नए द्वार भी खुलेंगे। काशी की तर्ज पर ही रामनगरी के इन तीनों मार्गों का चौड़ीकरण करने का प्लान बनाया गया है। सहादतगंज से नयाघाट तक जाने वाले मार्ग को राम पथ, सुग्रीव किला से राम जन्मभूमि मार्ग को जन्मभूमि पथ व शृंगारहाट से जन्मभूमि मार्ग को भक्ति पथ के नाम से जाना जाएगा। इन तीनों मार्गों का न सिर्फ चौड़ीकरण होगा बल्कि पुनर्निर्माण भी किया जाएगा। यहां पैदल पथ बनाए जाएंगे। ड्रेनेज के साथ ही मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
बस शेल्टर, बस स्टॉप, ई-टॉयलेट, बैठने के लिए बेंच व कूड़ादान की व्यवस्था भी होगी। तीनों मार्गों पर पर्याप्त हरियाली भी विकसित की जाएगी। बावन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण ने कहा कि राममंदिर निर्माण से अयोध्या का पुरातन वैभव लौट रहा है।
अब काशी मॉडल पर इसका विकास होने से विश्व स्तर का पर्यटन बढ़ेगा। राममंदिर बनने के बाद काशी की तर्ज पर यहां विकास से यह सनातन धर्म की भव्यता का उदाहरण होगा। धर्म व आस्था के साथ-साथ अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में भी विकसित होगी, आर्थिक तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापारी पंकज गुप्ता ने कहा कि अयोध्या का विकास सबके लिए हर्ष का विषय है। सरकार की ओर से बनाई गई नई योजना सराहनीय है। इससे अयोध्या धाम की भव्यता बढ़ेगी और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। सरकार से अपील है कि इन सबके साथ स्थानीय दुकानदारों की भी सुविधा का ध्यान रखा जाए। चौड़ीकरण से विस्थापित दुकानदारों को ऐसी जगह पर स्थापित किया जाए जहां वे बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकें। अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि नई योजना से शहर की आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।
इससे धार्मिक यात्रा के साथ पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या आने वालों की संख्या में काफी इजाफा होगा। इससे सबसे बड़ा बूम सर्विस सेक्टर यानी होटल, टूर एंड ट्रैवल्स कारोबार में आएगा। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से पर्यटन उद्योग के साथ ही पारंपरिक उद्योग, व्यवसाय को भी नई गति मिलेगी।
यें हैं राममंदिर जाने वाले तीनों रास्ते
- राम पथ सहादतगंज से नयाघाट लंबाई 13.00 किमी
- जन्म भूमि पथ सुग्रीव किला से श्रीराममंदिर लंबाई 2.00 किमी
- भक्ति पथ शृंगारहाट से श्रीरामजन्मभूमि मंदिर लंबाई 750 मीटर
यहां हो रहा दुकानों का निर्माण
- टेढ़ीबाजार चौराहा एक 1909 वर्गमीटर में 250 दुकानें व 210 वाहनों की पार्किंग
- टेढ़ीबाजार चौराहा दो 4447 वर्गमीटर में 50 दुकानें व 274 चार पहिया वाहनों की पार्किंग
- कौशलेश कुंज 1074.15 वर्गमीटर में 38 दुकानें, 57 वाहनों की पार्किंग
- जलकल अमानीगंज 2040 वर्गमीटर में 93 दुकानों व 28 वाहनों की पार्किंग
- श्रीराम गुलेला 2032.15 वर्गमीटर में चार मंजिला भवन में 200 दुकानें
- कलेक्ट्रेट के पास 4256 वर्गमीटर में 15 दुकानें व पांच बेसमेंट सहित 591 वाहनों की पार्किंग
काशी मॉडल पर होगा काम
काशी की तर्ज पर ही राम नगरी को बनाने की योजना है। इससे न सिर्फ अयोध्या की भव्यता बढ़ेगी बल्कि पर्यटन व रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। काशी मॉडल पर राममंदिर के तीनों मार्गों का चौड़ीकरण किया जाएगा। ये तीनों मार्ग स्मार्ट रोड के रूप में विकसित होंगे। शासन ने इसके लिए धन स्वीकृत कर दिया है। विस्थापित होने वाले व्यापारियों के लिए 700 दुकानें बनवाईं जा रही हैं। इनका आवंटन प्राथमिकता के आधार पर विस्थापित दुकानदारों को होगा। - विशाल सिंह, उपाध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण