भारत जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों में, बारिश पर निर्भरता और छोटे किसान अधिक होने के कारण असर ज्यादा

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एफएओ की ‘द इम्पैक्ट ऑफ डिजास्टर्स ऑन एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्युरिटी रिपोर्ट 2023’ के अनुसार 1970 के दशक में पूरे साल

एस.के. सिंह, नई दिल्ली। कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सालों-साल बढ़ रहा है। हर साल जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली आपदाएं बढ़ रही हैं, साथ ही इससे नुकसान में भी वृद्धि हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की ‘द इम्पैक्ट ऑफ डिजास्टर्स ऑन एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्युरिटी रिपोर्ट 2023’ के अनुसार 1970 के दशक में पूरे साल में लगभग 100 आपदाएं आती थीं, जो अब बढ़कर 400 हो गई हैं। यह जलवायु परिवर्तन का ही असर है। पिछले 30 वर्षों के दौरान फसलों और मवेशियों को आपदा के कारण 3.8 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। सालाना औसत नुकसान 123 अरब डॉलर यानी लगभग 10 लाख करोड़ रुपये है। दूसरे शब्दों में कहें तो हर साल दुनिया की कृषि जीडीपी के पांच प्रतिशत के बराबर उत्पादन इन आपदाओं के कारण नष्ट हो जाता है। वर्ष 2007 से 2022 के दौरान 60 देशों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इनसे कुल जितना नुकसान हुआ, उसका लगभग 23% नुकसान कृषि क्षेत्र को हुआ है। कृषि में भी 65% नुकसान का कारण सूखा है।

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