शुक्रवार को इनकम टैक्स विभाग ने झारखंड से कांग्रेस के राज्य सभा सांसद धीरज साहू से जुड़े ओडिशा और झारखंड में कई ठिकानों में छापेमारी की थी.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ये कैश ओडिशा और झारखंड में उनके घर से बरामद हुआ है.
अधिकारियों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा है कि विभाग ने लगातार तीन दिन छापेमारी की. इस दौरान 200 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं जिनका "कोई हिसाब नहीं है."
विभाग ने बुधवार को ओडिशा के बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी शुरू की थी. इनमें बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भी शामिल है.
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अब तक 220 करोड़ रुपयों की गिनती हुई है और ये रकम 250 करोड़ तक हो सकती है.
पीटीआई के अनुसार नोटों की गिनती के लिए क़रीब तीन दर्जन काउंटिंग मशीनों को काम पर लगाया गया है.
मशीनों की संख्या कम होने से नोटों की गिनती का काम धीमी गति से हो रहा है.
कहां-कहां हुई छापेमारी
आयकर विभाग के अधिकारियों ने ओडिशा के बोलांगीर ज़िले के सुदापाड़ा इलाक़े में एक ठिकाने से 156 बैग बरामद किए गए.
उन्होंने बताया कि अब तक केवल 6-7 बैग ही गिने गए थे कि इतने पैसे बरामद हो गए.
क़रीब 200 करोड़ की नकदी केवल बोलांगीर से ही बरामद हुई है. बाकी पैसा ओडिशा के संबलपुर और सुंदरगढ़, झारखंड के बोकारो और रांची और कोलकाता से मिला है.
इस केस में आईटी विभाग ने ओडिशा के संबलपुर, बोलांगीर, टिटिलागढ़, बौध, सुंदरगढ़, राउरकेला और भुवनेश्वर औक झारखंड के रांची और बोकारो में छापेमारी की है.
कंपनी की ओर से इस केस में अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
बीजेपी की ओडिशा यूनिट ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराए जाने की है. बीजेपी ने ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजेडी से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है.
कौन हैं धीरज प्रसाद साहू?
राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है.
वो तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं.
वो 2009 में राज्य सभा सांसद बने थे. जुलाई 2010 में वो एक बार फिर झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए. तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए.
धीरज प्रसाद की अपनी वेबसाइट के अनुसार वो एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
उनके पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से थे और उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था.
देश के आज़ाद होने के वक्त से ही उनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है.
उन्होंने खुद 1977 में राजनीति में कदम रखा. वो लोहरदगा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल रहे.
उनके भाई शिव प्रसाद साहू रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रहे.
उन्होंने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की है और झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं.
2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था.
इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी. उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था.
हलफ़नामे के अनुसार उनके ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं था.
हलफ़नामे के अनुसार उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है.
बीजेपी ने ली चुटकी
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के अन्य नेताओं ने इस मामले पर चुटकी ली और सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए टिप्पणी की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडया एक्स पर कहा कि जनता से लूटा गया पैसा लौटाना होगा.
उन्होंने लिखा, "देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें... जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है."
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी ओडिशा और झारखंड के उन राजनेताओं के लिए संकेत थी जिनके तार इस शराब कंपनी से जुड़े हैं.
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस कर विपक्षी इंडिया गठबंधन को तो निशाना बनाया ही, साथ ही गांधी परिवार और कांग्रेस को भी निशाने पर लिया.
उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है, उन्हें तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री की गारंटी है कि भ्रष्टाचार को फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा और जो लोग भ्रष्टाचार करेंगे उन्हें जेल की सज़ा दी जाएगी."
उन्होंने कहा, "नौ अलमारियां हैं जिनमें क़रीब 100 करोड़ से ज़्यादा की नकदी मिली है. कांग्रेस के एक सांसद के यहां से 100 करोड़ की नकदी पकड़ी गई है. पार्टी में कितने सांसद है? पूरे विश्व का सबसे भ्रष्ट परिवार गांधी परिवार है."
बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने तंज कसते हुए कहा है, "ये इस बात का सबूत है के मोहब्बत की दुकान में भ्रष्टाचार का व्यापार चल रहा था."