पांच दिन के चीन दौरे से मोहम्मद मोइज्जू को क्या हुआ हासिल, राष्ट्रपति ऑफिस ने जारी किया बयान

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Mohamed Muizzu on importance of china visit: मोहम्मद मोइज्जू का ये चीन दौरा ऐसे समय पर हुआ, जब मालदीव और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे

हाइलाइट्स

  • पांच दिन के चीन दौरे पर गए थे मोहम्मद मोइज्जू
  • 12 जनवरी के दौरा खत्म कर अपने देश लौटे हैं मोइज्जू
  • चीन और मालदीव के बीच कई अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

माले: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू शुक्रवार को चीन की अपनी पांच दिन कीयात्रा खत्म कर लौटे हैं। देश लौटने के बाद उन्होंने बताया है कि क्यों उनका ये दौरा बहुत अहम था। मोइज्जू की राष्ट्रपति बनने के बाद किसी विदेशी राष्ट्र की पहली राजकीय यात्रा थी, जिसके लिए उन्होंने चीन को चुना। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन मालदीव के सबसे करीबी सहयोगियों और विकास भागीदारों में से एक है। ऐसे में चीन को इस यात्रा के लिए चुना गया और इस दौरे पर दोनों देशों के बीच बहुत अहम समझौते भी हुए।

मालदीव के राष्ट्रपति ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है, प्रेसीडेंट मोहम्मद मोइज्जू और फर्स्ट लेडी साजिदा मोहम्मद चीन का सफल दौरा पूरा कर लौट आए हैं। दोनों चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के न्योते पर बीजिंग पहुंचे थे।, जहां उनका शानदार स्वागत और सम्मान हुआ। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम डील हुई हैं, जिनका फायदा आने वाले समय में होगा। दोनों देशों की सरकारों ने 20 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में हुए करार शामिल हैं।

पर्यटन को लेकर भी समझौता

बयान में कहा गया है कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों के विकास को बहुत महत्व देते हैं। दोनों देशों में जो समझौते हुए उनमें पर्यटन सहयोग के अलावा आपदा जोखिम, अर्थव्यवस्था और डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश को मजबूत करना शामिल है। साथ ही बेल्ट एंड रोड पहल पर सहयोग योजना के निर्माण में तेजी लाना और मले में सड़क परियोजनाओं का विकास शामिल है। वहीं चीन से लौटने के बाद मोइज्जू ने कहा कि वह चीन की अपनी पहली राजकीय यात्रा करने और इस साल चीन में पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बनने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू बीते साल चुनाव जीतने के बाद से ही भारत की बजाय चीन की ओर झुकाव रख रहे हैं। मोइज्जू के कई बयानों की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना था। उन्होंने मालदीव से भारतीय सैनिकों को भी वापस भेजने के भी बात कही है। दोनों देशों के कुछ अहम समझौतों को बढ़ाने से भी मोइज्जू इनकार कर चुके हैं। इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते फिलहाल सहज नहीं दिख रहे हैं।
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